श्री हिंगलाज देवी की स्तुति, कवि: शंकरदान जेठी भाई देथा चारण, राज्यकवि लीबडी, गुजरात






दोहा

एका नेका अज्ञेया अजा अनंता नाम
अगम अलक्षा ईश्वरी, पुनी पुनी करों प्रणाम।


उपजावनी खपावनी, विश्वंभरी बडराय
जय हिंगोल जगपावनी, महादेवी महमाय।


शंकरणी शंकरप्रिया, बिघन हरणि वृषगामि
तारण तरणी त्रयंबका, पातु पातु प्रणमामि।



हिंगोळा अघहारणी
छन्द हरिगीत

प्रणमामि मातु पे्रम मूरति, पार्वती परमेस्वरी
शांति  क्षमामय कृपासागरि, सुखप्रदा सरवेस्वरी
सेवक सिसू के दुरित दारिद, विघ्न दोष बिदारणी
आदि शक्ती नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी।1।


सब देवियां सिरछत्र, सांता द्वीपरी राजेस्वरी
कोहला पर्वत कंदरा की, निवासी निखिलेस्वरी
आनंद वदनी आशुतुष्टा, कृपा मंगल कारणी
नकळंक रूपा नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी।2।


देवां सिरोमणि महादेवी, सामरथ सरवोपरी
स्तुति करत चारण सिद्ध सुरमुनि, शेष अज शकर हरी
परिताप हरणी प्रणत जन के, सकळ कारज सारणी
ओंकार  रूपा नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी। 3।


जगधात्रि जागति ज्योति देवी, जोगमाया जोगणी
असवार नाहर तणी अणडर, अहर खळ आरोगणी
सोगणी समरथ सुरासुरथी, महिस मदमत मारणी
नवलाख रूपा नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी। 4।




गिरिजा ब्रह्मचारिणी गौरी, चंद्रघंटा स्कंदमा
कात्यायनी पुनि काळरात्री, कूसमांडा सिद्धिदा
सरणागति निज दास सुर के, दैत्य दुसमन दारणी
नवरूप दुर्गा नमो अंबा, हिंगळा अघहारणीं । 5।


वृषभासनी वाघासणी, गरूडासणी गजआसणी
मयूरासणी महिषासणी, हंसासणी प्रेतासणी
विध विध वपू आयुध वाहन, धरम हेतूधारणी
अदभूत रूपा नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी।6।


ब्रह्मी महेस्वरी वैष्णवी, कोंमारी दानवा दर्पहा
वाराहि अैंद्री, नारसिंघी चंडी चामुंडा महा
सुर संत त्राता असुर हाता, अवनि भार उतारणी
अकळीत रूपा नमो अंबा, हिगळा अघहारणी ।7।


निज दास शंकरदास को, आरोग्य सुख आयुष प्रदा
संपति प्रदा सिद्धीप्रदा, सिव भक्ति दत शक्ति प्रदा
सुमति प्रदा शोभा प्रदा, कामना पूरण कारणी
नारायणी मां नमो अंबा, हिंगळा अघहारणी। 8।


छप्पय

जय  हिंगोल  जगमातु, महालखमी महाकाळी
महा सरसति महादेवि, विकट सुंदर वपुवाळी
एका नेका अजब, अनंता अजा कहाणी
पृथ्वी स्वर्ग पाताळ, प्रगट त्रिभुवन पूजाणी
करजोरि दास शंकर कहत, प्रसन्न होहु परमेष्वरी
सुरतरू स्वभाववाली सुखद, जय हिंगोळ जगदीष्वरी।।



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